घर खरीदने के लिए पत्नी के साथ ज्वाइंट होम लोन लेने का बड़ा फायदा, इस तरीके से बचा सकते हैं लाखों रुपये Home Loan Joint

By Meera Sharma

Published On:

Home Loan Joint

Home Loan Joint: आज के महंगाई के दौर में घर खरीदना एक बड़ी आर्थिक चुनौती बन गया है। ऐसे में पति-पत्नी के बीच ज्वाइंट होम लोन लेना एक समझदारी भरा निर्णय साबित हो सकता है। जब दो या अधिक व्यक्ति मिलकर एक ही होम लोन के लिए आवेदन करते हैं तो इसे ज्वाइंट होम लोन कहा जाता है। इस व्यवस्था में पति-पत्नी दोनों सह-आवेदक बनते हैं और बैंक दोनों की संयुक्त आय को देखकर लोन की राशि निर्धारित करता है। यह प्रक्रिया न केवल अधिक लोन राशि दिलाने में मदद करती है बल्कि लोन चुकाने में भी सुविधा प्रदान करती है। दंपत्ति की संयुक्त आय से बैंक को अधिक भरोसा मिलता है और लोन अप्रूवल की संभावना बढ़ जाती है।

कर छूट में दोगुना लाभ

ज्वाइंट होम लोन का सबसे बड़ा फायदा टैक्स बचत में मिलता है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी और 24(बी) के तहत दोनों आवेदक अलग-अलग कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को होम लोन के मूलधन पर डेढ़ लाख रुपए तक और ब्याज पर दो लाख रुपए तक की छूट मिल सकती है। इस तरह एक परिवार सालाना कुल सात लाख रुपए तक की टैक्स बचत कर सकता है। यह राशि एक व्यक्ति के लोन की तुलना में दोगुनी होती है जो लंबे समय में काफी बड़ी बचत का काम करती है। टैक्स की इस बचत से परिवार अन्य निवेशों की योजना भी बना सकता है।

महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं

अगर होम लोन में पत्नी को मुख्य आवेदक बनाया जाता है तो कई बैंक महिलाओं को ब्याज दर में विशेष छूट देते हैं। यह छूट आमतौर पर 0.05 प्रतिशत तक होती है जो कम लगती है लेकिन लाखों रुपए के लोन और लंबी अवधि को देखते हुए यह काफी बड़ी बचत बन जाती है। उदाहरण के लिए बीस लाख रुपए के लोन पर बीस साल की अवधि में यह छूट हजारों रुपए की बचत दिला सकती है। इसके अलावा पत्नी के नाम पर संपत्ति लेने से महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलता है और उन्हें कानूनी तौर पर संपत्ति में बराबर का हक मिल जाता है।

यह भी पढ़े:
Toll Tax पूरे देश में इन लोगों को कहीं नहीं देना होगा टोल टैक्स, सरकार ने जारी की लिस्ट Toll Tax

आर्थिक जोखिम का बंटवारा

ज्वाइंट होम लोन में लोन चुकाने की जिम्मेदारी दोनों पर होती है जिससे आर्थिक बोझ का बंटवारा हो जाता है। यह व्यवस्था विशेष रूप से तब फायदेमंद होती है जब किसी एक व्यक्ति की नौकरी चली जाए या आय में अचानक कमी आ जाए। ऐसी स्थिति में दूसरा व्यक्ति ईएमआई चुकाने में मदद कर सकता है जिससे लोन डिफॉल्ट होने से बचा जा सकता है। इससे क्रेडिट स्कोर भी सुरक्षित रहता है और भविष्य में अन्य लोन लेने में दिक्कत नहीं आती। दोनों की आय मिलाकर ईएमआई का बोझ कम हो जाता है और परिवार का मासिक बजट भी संतुलित रहता है।

बेहतर लोन शर्तें और भविष्य की योजना

दोनों की संयुक्त आय और बेहतर क्रेडिट प्रोफाइल के कारण बैंक से अधिक राशि का लोन मिल सकता है। अगर पति या पत्नी में से किसी का क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो लोन जल्दी स्वीकृत हो सकता है और बेहतर ब्याज दरों पर भी मिल सकता है। ज्वाइंट होम लोन लेने से दंपत्ति को मिलकर भविष्य की वित्तीय योजना बनाने में मदद मिलती है। इससे पारिवारिक जिम्मेदारियों की बेहतर समझ विकसित होती है और वित्तीय निर्णयों में पारदर्शिता आती है। यह प्रक्रिया न केवल घर खरीदने में सहायक होती है बल्कि एक स्थिर और जिम्मेदार पारिवारिक माहौल बनाने में भी योगदान देती है।

अस्वीकरण: यह लेख होम लोन की सामान्य जानकारी पर आधारित है। कर नियम और बैंक नीतियां समय के साथ बदल सकती हैं। लोन लेने से पहले संबंधित बैंक और कर सलाहकार से विस्तृत जानकारी अवश्य लें।

यह भी पढ़े:
CIBIL Score सिबिल स्कोर खराब होने के बाद ठीक होने में कितना लगेगा समय, लोन लेने वाले जान लें नियम CIBIL Score

5 seconds remaining

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Leave a Comment

Join Whatsapp Group