House Construction Cost: हर व्यक्ति का सपना होता है कि वह अपना घर बनवाए। यह केवल एक आवास नहीं बल्कि भावनात्मक सुरक्षा और स्वतंत्रता का प्रतीक होता है। आज के समय में घर बनवाना एक महंगा काम बन गया है और छोटे शहरों या गांवों में भी इसकी लागत लाखों में पहुंच जाती है। लेकिन यदि सही योजना और समझदारी से काम लिया जाए तो निर्माण की लागत में काफी कमी लाई जा सकती है। सबसे अच्छी बात यह है कि इन तरीकों को अपनाने से घर की गुणवत्ता और मजबूती में कोई कमी नहीं आती बल्कि कई मामलों में यह और भी बेहतर हो जाती है।
निर्माण संरचना में स्मार्ट बदलाव
घर की निर्माण लागत कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है निर्माण की संरचना में बदलाव करना। यदि आप एक मंजिला घर बना रहे हैं तो पारंपरिक फ्रेम संरचना के बजाय लोड-बेयरिंग संरचना का उपयोग करना चाहिए। इस संरचना में दीवारें ही घर का सारा भार उठाती हैं जिससे कॉलम और बीम की आवश्यकता नहीं होती। फ्रेम संरचना में बड़े-बड़े स्तंभ और शहतीर बनाने पड़ते हैं जिनमें अधिक सरिया और सीमेंट लगता है। लोड-बेयरिंग संरचना में इन सब की जरूरत नहीं होती इसलिए निर्माण सामग्री की खपत काफी कम हो जाती है।
सामग्री चयन में बुद्धिमत्ता
निर्माण सामग्री के चुनाव में भी काफी पैसा बचाया जा सकता है। सामान्य मिट्टी की ईंट के बजाय फ्लाई-एश ईंट का उपयोग करना बेहतर विकल्प है। ये ईंटें न केवल सस्ती होती हैं बल्कि इनकी गुणवत्ता भी अच्छी होती है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि इन ईंटों पर प्लास्टर की जरूरत नहीं होती। सीधे पुट्टी और पेंट किया जा सकता है जिससे प्लास्टर की सामग्री और मजदूरी दोनों की बचत होती है। इसी तरह लकड़ी के फ्रेम के बजाय कंक्रीट के फ्रेम का उपयोग करना भी फायदेमंद होता है।
पांच सौ वर्गफीट घर की लागत विश्लेषण
उदाहरण के लिए यदि आप पांच सौ वर्गफीट के क्षेत्र में एक मंजिला घर बनवाना चाहते हैं तो पारंपरिक तरीके से इसकी लागत प्रति वर्गफीट पंद्रह सौ रुपए के हिसाब से साढ़े सात लाख रुपए आएगी। लेकिन यदि आप स्मार्ट तरीकों का उपयोग करें तो यही घर पांच लाख रुपए से भी कम में बन सकता है। इसके लिए संरचना में बदलाव के साथ-साथ सामग्री के चुनाव में भी सोच-समझकर निर्णय लेना होगा।
सीमेंट और सरिया में होने वाली बचत
लोड-बेयरिंग संरचना अपनाने से सीमेंट की खपत में काफी कमी आती है। लगभग पचास बोरी सीमेंट की बचत हो सकती है जो आज की कीमत के अनुसार बीस हजार रुपए की बचत है। सरिया की बात करें तो सामान्यतः यह कुल निर्माण लागत का बीस प्रतिशत होता है लेकिन लोड-बेयरिंग संरचना में यह घटकर दस प्रतिशत रह जाता है। इससे पचहत्तर हजार रुपए की बचत होती है। रेत और बजरी की खपत भी कम हो जाती है जिससे पच्चीस हजार रुपए और बच जाते हैं।
ईंट और अन्य सामग्री में बचत
पांच हजार ईंट की जरूरत वाले इस घर में सामान्य ईंट का खर्च पचास हजार रुपए आता है जबकि फ्लाई-एश ईंट का खर्च केवल पच्चीस हजार रुपए होता है। इससे पच्चीस हजार रुपए की और बचत होती है। टाइल्स के चुनाव में भी समझदारी दिखानी चाहिए। महंगे मार्बल के बजाय अच्छी गुणवत्ता की सिरेमिक टाइल्स का उपयोग करना बेहतर होता है।
अन्य खर्चों में भी संयम
घर के अन्य हिस्सों में भी बचत की जा सकती है। टॉयलेट और बाथरूम को अलग-अलग बनाने के बजाय एक साथ बनवाना ज्यादा किफायती होता है। खिड़की और दरवाजों में भी महंगी लकड़ी के बजाय सस्ते विकल्पों का चुनाव किया जा सकता है। इन सभी तरीकों को अपनाकर दो लाख रुपए से अधिक की बचत संभव है जिससे आपका सपनों का घर पांच लाख रुपए से भी कम में तैयार हो सकता है।
अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। निर्माण लागत स्थानीय दरों, सामग्री की गुणवत्ता और बाजार की स्थिति के अनुसार अलग हो सकती है। घर बनवाने से पहले स्थानीय इंजीनियर और ठेकेदार से सलाह लेना आवश्यक है।