LPG New Rates: जून 2025 के पहले दिन से ही तेल कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर की नई दरों की घोषणा कर दी है जो व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी लेकर आई है। इस बार मुख्य रूप से कॉमर्शियल गैस सिलेंडरों की कीमतों में उल्लेखनीय कमी देखी गई है जबकि घरेलू रसोई गैस के दामों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। यह निर्णय देश भर के होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए एक सकारात्मक कदम है। कॉमर्शियल सेक्टर में गैस की अधिक खपत के कारण यह कटौती व्यापारियों की परिचालन लागत में महत्वपूर्ण बचत लाएगी।
मासिक आधार पर एलपीजी दरों की समीक्षा और संशोधन की यह नियमित प्रक्रिया उपभोक्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा लाभ प्रदान करती है। इस महीने की शुरुआत में मिली यह राहत व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुखद आश्चर्य है।
कॉमर्शियल सिलेंडर में व्यापक कटौती
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा जारी की गई नवीनतम दर सूची के अनुसार 19 किलोग्राम के कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में प्रमुख शहरों में 24 से 25 रुपये तक की कमी आई है। दिल्ली में यह सिलेंडर अब 1723.50 रुपये में उपलब्ध है जो पहले 1747.50 रुपये था, यानी 24 रुपये की बचत हुई है। कोलकाता में सबसे अधिक 25.50 रुपये की कटौती के साथ सिलेंडर की कीमत 1851.50 रुपये से घटकर 1826 रुपये हो गई है।
मुंबई में कॉमर्शियल सिलेंडर अब 1674.50 रुपये में मिल रहा है जो पहले 1699 रुपये का था, जिससे 24.50 रुपये की बचत हुई है। चेन्नई में भी 25 रुपये की कटौती के साथ सिलेंडर की कीमत 1906 रुपये से घटकर 1881 रुपये हो गई है। यह कटौती सभी प्रमुख शहरों में लगभग समान मात्रा में देखी गई है जो दर्शाता है कि नीति समान रूप से लागू की गई है।
घरेलू सिलेंडर की स्थिर कीमतें
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 14.2 किलोग्राम के रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में इस बार कोई बदलाव नहीं हुआ है। अप्रैल 2025 में आखिरी बार दरों में संशोधन के बाद से यह कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। दिल्ली में घरेलू सिलेंडर 853 रुपये, कोलकाता में 879 रुपये, मुंबई में 852.50 रुपये और चेन्नई में 868.50 रुपये में उपलब्ध है। यह स्थिरता आम परिवारों के लिए बजट की दृष्टि से एक राहत है क्योंकि वे अपने मासिक खर्च की योजना बना सकते हैं।
घरेलू गैस की कीमतों में स्थिरता इस बात का संकेत है कि सरकार आम नागरिकों पर मंहगाई का बोझ कम रखने की कोशिश कर रही है। पिछली बार अप्रैल में 50 रुपये की वृद्धि के बाद से कीमतें स्थिर रखना एक सोची-समझी नीति का हिस्सा लगता है।
मूल्य निर्धारण की अलग-अलग नीतियां
कॉमर्शियल और घरेलू एलपीजी सिलेंडरों की कीमतें अलग-अलग कारकों के आधार पर तय की जाती हैं। कॉमर्शियल सिलेंडर की दरें मुख्यतः अंतर्राष्ट्रीय बाजार की परिस्थितियों से प्रभावित होती हैं जिसमें कच्चे तेल की कीमतें, मुद्रा विनिमय दर और वैश्विक मांग-आपूर्ति का संतुलन शामिल है। इन कारकों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा प्रभाव कॉमर्शियल दरों पर पड़ता है। वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में आई गिरावट का फायदा व्यावसायिक उपभोक्ताओं को मिला है।
इसके विपरीत घरेलू एलपीजी की कीमतें सरकारी नियंत्रण में होती हैं और सब्सिडी व्यवस्था के तहत संचालित होती हैं। सरकार सामाजिक कल्याण और राजनीतिक नीति के आधार पर इन दरों में परिवर्तन करती है। मार्च 2024 से दिल्ली में घरेलू सिलेंडर 803 रुपये में मिल रहा था जिसे अप्रैल 2025 में बढ़ाकर 853 रुपये किया गया था।
व्यावसायिक क्षेत्र को मिली राहत
इस कटौती से सबसे अधिक लाभ उन व्यापारियों को होगा जो खाद्य सेवा उद्योग से जुड़े हुए हैं। रेस्टोरेंट, ढाबे, होटल, कैटरिंग सेवा और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स में गैस की भारी खपत होती है। प्रतिदिन कई सिलेंडरों का उपयोग करने वाले इन व्यवसायों के लिए 24-25 रुपये की कटौती महीने भर में एक महत्वपूर्ण बचत का कारण बनेगी। यह बचत इन व्यवसायों की परिचालन लागत कम करने में सहायक होगी।
छोटे व्यापारी जो सड़क किनारे खाना बेचते हैं या छोटे ढाबे चलाते हैं, उनके लिए यह राहत विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि उनके लिए हर रुपये की बचत मायने रखती है। इससे उनके मुनाफे में वृद्धि हो सकती है या वे अपने ग्राहकों को बेहतर दाम दे सकते हैं।
घरेलू उपभोक्ताओं की स्थिति
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए इस बार दरों में कोई बदलाव न होना एक मिश्रित संकेत है। एक तरफ यह राहत है कि कीमतें और नहीं बढ़ीं, लेकिन दूसरी तरफ कटौती की उम्मीद भी पूरी नहीं हुई। आम परिवारों के मासिक बजट पर इसका कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि वे पहले से ही स्थिर दरों का भुगतान कर रहे थे। हालांकि यह स्थिरता भी एक सकारात्मक पहलू है क्योंकि कीमतों में और वृद्धि से बचाव हुआ है।
महंगाई के इस दौर में घरेलू गैस की कीमतों का स्थिर रहना आम नागरिकों के लिए एक राहत की बात है। सरकार की सब्सिडी नीति के कारण घरेलू उपभोक्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार के उतार-चढ़ाव से काफी हद तक बचाव मिलता है।
अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में जारी अस्थिरता के कारण आने वाले महीनों में भी दरों में बदलाव की संभावना बनी रहती है। वैश्विक आर्थिक स्थिति, जियो-पॉलिटिकल टेंशन और मुद्रा दरों में उतार-चढ़ाव का प्रभाव कॉमर्शियल दरों पर तुरंत दिखता है। व्यावसायिक उपभोक्ताओं को इन बदलावों के लिए तैयार रहना चाहिए।
घरेलू दरों के लिए सरकारी नीति और राजनीतिक निर्णय महत्वपूर्ण कारक हैं। चुनावी वर्ष या महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाओं के दौरान इन दरों में बदलाव की संभावना बढ़ जाती है। उपभोक्ताओं को मासिक दर समीक्षा का इंतजार करना चाहिए।
अस्वीकरण: यह लेख उपलब्ध बाजार जानकारी और तेल कंपनियों की दर सूची के आधार पर तैयार किया गया है। एलपीजी की कीमतें विभिन्न कारकों के आधार पर बदलती रहती हैं। सटीक और नवीनतम दरों के लिए अपने स्थानीय गैस एजेंसी या तेल कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से संपर्क करें।